उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों से साफ हो गया है कि 2014 लोकसभा चुनावों की तर्ज पर एक बार फिर मोदी लहर ने प्रदेश के दिग्गजों को धराशाही कर दिया है. सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने मोदी लहर को रोकने के लिए कांग्रेस के साथ पोलिटिकल इंजीनियरिंग करने की कोशिश की तो बहुजन समाज पार्टी ने अपनी सोशल इंजीनियरिंग के दायरे में मुसलमान, सवर्ण और ओबीसी को भी जगह दे दी. लेकिन राज्य के चुनावों में मोदी की आंधी यूं चली कि एक-एक कर सभी दिग्गज और दिग्गजों की हवा निकल गई.
यूपी में एक बार फिर मोदी लहर काम कर गई है. होली से पहले भगवा रंग प्रदेश की सड़कों पर नजर आने लगा है. शुरुआती दौर में हुई मतगणना के नतीजों को देख लोगों को 1980 में हुए चुनावों की याद आ रही है. 1980 के विधानसभा चुनावों में 309 सीटें मिली थीं. उस वक्त यूपी में कुल 425 विधानसभा सीटें थीं.
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